सामान्यत: प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछने के दो पैटर्न होते हैं । एक में परीक्षार्थी को प्रश्नों के उत्तर निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर पुस्तिका में लिखने होते हैं । इसे विवरणात्मक या लिखित पैटर्न कहते हैं । दूसरे में एक प्रश्न के चार विकल्प दिए जाते हैं, उनमें से सही विकल्प का क्रमांक OMR शीट में भरना होता है । यह बहु-विकल्पीय पैटर्न कहलाता है ।
प्राय: देखा गया है कि परीक्षार्थियों में विषयवस्तु को रटने की आदत होती है । इस आदत के कारण उनमें विषय की मौलिक समझ और प्रस्तुतीकरण का कौशल विकसित नहीं हो पाता है । इस कारण संबंधित तथ्यों का ज्ञान होते हुए भी वे प्रश्न की मूल भावना और असली मांग के अनुसार अपना उत्तर नहीं लिख पाते हैं और वांछित अंक प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं । अभ्युदय अकैडमी जोधपुर की कक्षाओं में मुख्य ज़ोर परीक्षा की दृष्टि से विषय को समझने और संबंधित अवधारणाओं को स्पष्ट करने पर दिया जाता है । इसी के साथ प्रश्न की भावना के अनुसार श्रेष्ठ उत्तर लिखने की कला सिखाई जाती है । परीक्षा के पैटर्न और पिछली परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के आधार पर निर्धारित शब्द-सीमा में प्रश्नों के उत्तर लिखने का अधिक से अधिक अभ्यास करवाया जाता है । कोर्स पूरा का लेने के बाद हमारे विद्यार्थी प्रश्न की मूल भावना के अनुसार सही उत्तर लिखने का कौशल विकसित कर चुके होते हैं । अब परीक्षा में कितना ही घुमा-फिरा कर और कितनी ही कठिन व क्लिष्ट भाषा में प्रश्न पूछा जाए, वे आसानी से श्रेष्ठतम उत्तर लिखकर अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर लेते हैं । सफलता निश्चित है ।
जिन परीक्षाओं में उत्तर देने का MCQ पैटर्न होता है उनमें प्रश्न के चार संभावित उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर OMR शीट में भरना होता है । ऐसी परीक्षाओं की तैयारी भी विशेष ढंग से करवाई जाती है । विषय से संबंधित तथ्यों का सही ज्ञान हो और सही उत्तर चुनने का कौशल सीख लिया जाए तो किसी भी परीक्षा में श्रेष्ठ अंक प्राप्त किए जा सकते हैं । हमारे अनुभवी फ़ैकल्टि मैम्बर पहले परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुसार विषयवस्तु के सभी पक्षों को पढ़ाते हैं, विद्यार्थियों की कठिनाइयों का समाधान करते हैं और संबंधित सूचनाओं और तथ्यों को परीक्षा की दृष्टि से विद्यार्थियों को समझाते हैं । साथ में सारगर्भित नोट्स प्रदान किए जाते हैं । नियमित रूप से टैस्ट लेकर यह देखा जाता है कि परीक्षार्थी को प्रश्न समझने या ज्ञात तथ्यों के आधार पर सही विकल्प चुनने में क्या कठिनाई आ रही है । इससे प्रत्येक विद्यार्थी की कठिनाई का पता चल जाता है और उसे बहुत ही व्यावहारिक ढंग से सही विकल्प चुनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है । इस प्रकार प्रत्येक टैस्ट के बाद परीक्षार्थी का ज्ञान और कौशल बढ़ता जाता है । कोर्स समाप्त होने पर वह पूरा पाठ्यक्रम तैयार करने के साथ-साथ परीक्षा की सभी प्रविधियों और बारीकियों को भी सीख चुका होता है और अधिकतम अंक प्राप्त कर परीक्षा में सफल होता है ।